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 बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में हुए सीरियल बम विस्फोट के बाद उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।

वाराणसी और सारनाथ में बुद्धिस्ट सर्किट के सभी मंदिरों के अलावा अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही सतर्कता के अन्य कदम उठाने को कहा गया है। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर यूपी एटीएस की एक टीम बिहार के लिए रवाना कर की गई है।


अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अरुण कुमार ने बताया कि बोधगया विस्फोटों की जानकारी के फौरन बाद यूपी में अलर्ट कर दिया गया है।

एटीएस और अन्य एजेंसियां सतर्क
एटीएस के साथ ही अन्य जांच एजेंसियों को भी सतर्क किया गया है। पुलिस अफसरों को सतर्कता के तहत सभी जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।

उन्होंने बताया कि एटीएस की एक टीम को मौके पर रवाना किया गया है जो वहां विस्फोट के तरीके, उसमें इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों व रसायनों और पूरे पैटर्न की जांच करेगी।

महाबोधि मंदिर पर आतंकी हमला, 9 सीरियल धमाके


एडीजी ने बताया कि प्रदेश में रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों, महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों व सरकारी प्रतिष्ठानों के अलावा मॉल, मल्टीप्लेक्स, बड़े व भीड़वाले बाजार आदि में विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। वाराणसी व सारनाथ में एंटी माइन व बम स्क्वायड टीमों से जांच कराई जा रही है।

राज्य खुफिया विभाग के साथ ही पुलिसकर्मियों को सादी वर्दी में सक्रिय रहने को कहा गया है। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि को अधिकारियों के तत्काल संज्ञान में लाने के निर्देश दिए गए हैं। एडीजी ने कहा कि बिहार के पुलिस अफसरों से लगातार संपर्क बना हुआ है और जरूरी सतर्कता बरती जा रही है।

इस बीच, बोधगया ब्लास्ट के बाद वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन, काल भैरव, दुर्गाकुंड आदि मंदिरों में चेकिंग कराई।


आईजी जीएल मीणा ने तत्काल पूरे जोन में हाई एलर्ट का संदेश प्रसारित करा दिया है। उन्होंने वाराणसी में हुई आतंकी घटनाओं के मद्देनजर मंदिरों और घाटों पर विशेष सतर्कता बढ़ाने को कहा।

महापरिनिर्वाण मंदिर की सुरक्षा बढ़ी
बोधगया के महाबोधि मंदिर में बम विस्फोट के बाद जिला प्रशासन महापरिनिर्वाण मंदिर की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गया है। रविवार को सुबह प्रशासन और आईबी के अधिकारियों ने मंदिर परिसर के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली और सुरक्षा के उपाय किए।

महाबोधि ब्लास्टः अलर्ट के बावजूद क्यों हुई चूक?

महापरिनिर्वाण मंदिर परिसर समेत पुरातात्विक महत्व के स्थानों पर प्रशासन ने पुलिस जवानों को तैनात किया है। मांथाकुवर मंदिर और रामाभार स्तूप पर सुरक्षा चौकस कर दी गई है। तीनों ही स्थल पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व के हैं।

महापरिनिर्वाण मंदिर और मांथा कुंवर मंदिर में पांचवीं सदी की बुद्ध की शयनमुद्रा वाली प्रतिमा और ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा के कारण और रामाभार स्तूप बुद्ध का दाह संस्कार स्थल होने के कारण प्रसिद्ध है।

सारनाथ में नहीं दिखा असर
‘नो ..नो ब्लास्ट इज नो मैटर। आई विल गो टू बोधगया डेफिनेटली।’ यह कहना है 24 साल के हरप्रीत सिंह का। वे अप्रवासी भारतीय हैं और छह साल से स्वीडन में रह रहे हैं।

पंजाब के मूल निवासी हरप्रीत रविवार की दोपहर सारनाथ घूमने पहुंचे थे। यहां से उनका बोधगया और उसके बाद काठमांडू भ्रमण का कार्यक्रम है।

रविवार सुबह होटल के कमरे में ही टेलीविजन से उन्हें बोधगया में हुए सीरियल ब्लास्ट की जानकारी मिल गई थी। हरप्रीत के साथ उनकी पत्नी प्रीति कौर भी थीं। दोनों ने बारिश में जमकर मस्ती भी की। प्रीति पहले भी वाराणसी आ चुकी हैं।

तस्वीरों में देखें: धमाकों से थर्रा उठा महाबोधि मंदिर

बोधगया की घटना पर प्रीति का कहना था, मैंने पंजाब का आतंकवाद करीब से देखा है। छोटी थी मगर मुझे आज भी सब कुछ याद है। गोलियों की तड़तड़ाहट और बमों के धमाकों की आवाज अब मुझे नहीं डराते।

उन्होंने कहा, इस घटना से हम अपना टूर कैंसिल नहीं करेंगे। हम बोधगया जरूर जाएंगे। शहर की प्रीति चक्रवर्ती भी पति प्रलयजीत और सात साल के बेटे के साथ सारनाथ घूमने आई थीं।

म्यांमार हिंसा से जुड़े हैं महाबोधि धमाके के तार


जब उनसे बोधगया की घटना के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि यदि हम डर जाएंगे तो आतंक फैलाने वाले अपने मंसूबे में सफल हो जाएंगे। मरना तो सबको है एक दिन फिर डरना क्यों?